Monday, November 18, 2019

JNU Students और Delhi Police

New Delhi, India: JNU Students के विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों की गति थम गई है यानी जाम की स्थिति बनी हुई है। छात्र मुख्यता जिस जगह अपना प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे सफदरजंग टॉम्ब मार्ग कहा जाता है। 


इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़ के अनुसार पुलिस ने यहीं, JNU छात्रों पर लाठीचार्ज किया। जिसके चलते ट्विटर पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया केंद्र सरकार, JNU के वाईस चांसलर और दिल्ली पुलिस के लिए देखी जा रही है।

छात्र सड़कों पर डटे हुए हैं और साथ ही अपनी शिक्षा की सुरक्षा हेतु व अपने भविष्य हेतु सड़कों पर लोगों को रोक - रोककर उनसे आग्रह कर रहे हैं, कि उनकी आवाज़ को बुलंद बनाये रखने में उनका साथ दें। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि यह सब सिर्फ़ हम अपने भविष्य के लिए नहीं, बल्कि देश के ग़रीब युवाओं और उनके परिवारों के लिए कर रहे हैं। इसलिए जैसे भी हो सके हमारे इस प्रदर्शन को सार्धक बनाने में हमारी मदद करें। चाहे तो इसके लिए अपने सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं!

वहीं दूसरी ओर कुछ न्यूज़ चैनलों पर और सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से JNU के छात्रों की छवि को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है। कुछ न्यूज़ चैनल की डिबेट्स में छात्रों को "छात्र" कहकर संबोधित नहीं किया जा रहा, बल्कि उनको एक अजीब नाम से संबोधित किया जा रहा है। नाम कुछ इस तरह से है "Tukde - Tukde Gang". साथ ही छात्रों पर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि वह अपनी फ़ीस की आड़ में, अपनी व विपक्षी दलों की राजनीति चमका रहे हैं!!!


एक ट्विटर यूजर ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए छात्रों की तस्वीरों को अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया। साथ ही इसकी कड़ी आलोचना भी की। तस्वीरों में साफ़ देखा जा सकता है, कि कितनी बर्बरता से दिल्ली पुलिस ने छात्रों की जायज़ मांगों को कुचलने की कोशिश की है। देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्रों के साथ हो रहे इस अत्याचार पर ज़्यादातर न्यूज़ चैनलों ने चुप्पी साथ ली है।

कुछ न्यूज़ चैनल सिर्फ़  सड़कों पर लगे जाम की बात कर रहे हैं। इसी के चलते एक चैनल के रिपोर्टर ने जब प्रदर्शन में शामिल एक छात्र से पूछा, कि आपको नहीं लगता आपके प्रदर्शन के चलते सड़कों पर जाम लग रहा है? उसपर छात्र ने जो जवाब दिया, उसपर वह रिपोर्टर पानी - पानी हो गई। जवाब ये था, कि "आपको एक दिन का जाम नज़र आ रहा है, लेक़िन हमारा और देश के ग़रीब छात्रों का दर्द नज़र नहीं आ रहा, हमारा भविष्य नज़र नहीं आ रहा? हम मानते हैं कि जाम लग रहा है हमारे विरोध प्रदर्शन के कारण, लेक़िन आप लोग उस वक़त क्यों चुप थे और हमारे ऊपर  ही तोहमत क्यों लगा रहे थे, जब हम JNU के अंदर ही वाईस चांसलर से मिलना चाहते थे बढ़ी हुई फ़ीस की बात को लेकर। हम आज यहां, जो सड़कों पर हैं उसके ज़िम्मेदार आप लोग और JNU के VC हैं जो हमसे नहीं मिले! हम कहां से देंगे इनती बढ़ी हुई फ़ीस??? क्या ग़रीबों को पढ़ने का अधिकार नहीं ? हम जायज़ बात के लिए आज सड़कों पर खड़े हैं सुबह से जिसके चलते सिर्फ़ एक सड़क पर जाम लग रहा है, जिसपर आप हमें नसीहत दे रहे हो। लेक़िन जब चुनाव के वक़्त नेताओं की रैलियां निकलती हैं और पूरे शहर को लगभग बंद सा कर दिया जाता है, तो आपके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता!!!"

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