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(Image/File Photo, Credit: NDTV) |
जबकि हक़ीक़त यह है, कि दुनिया भर के सभी देशों में सब कुछ सामान्य था। किसी तरह की कोई ख़बर कहीं से भी और किसी भी देश से नहीं आ रही थी, कि कोई देश आर्थिक रूप से किसी समस्या का सामना कर रहा है। ख़ासतौर पर वो देश, जो विकसित देशों की गिनती में आते हैं। जैसा: जापान, अमेरिका, चीन, जर्मनी आदि।
लेक़िन आज, चीन के 'Coronavirus' की वजह से दुनिया भर के देशों में अर्थव्यवस्था को लेकर सभी विकसित देशों को चिंतित होता हुआ देखा जा सकता है। अमेरिका की स्मार्टफोन बनाने वाली व दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों में से एक 'APPLE' कंपनी को चीन के 'Coronavirus' की वजह से काफ़ी नुक़सान हो रहा है। इसी तरह दुनिया भर के और देशों की अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा असर पड़ता हुआ दिख रहा है।
वायरस चीन में होने की वजह से, सबसे ज़्यादा नुक़सान ख़ुद चीन को हो रहा है। चीन को इस वायरस की वजह से, जो लोगों में फ़ैलता ही जा रहा है, उसकी वजह से अपने ही देश की तमाम छोटी - बड़ी फैक्टरियां बंद कर देनी पड़ी हैं।
आपको बता दें, कि अब तक यह वायरस सिर्फ़ दो (2) महीनों में अकेले चीन में ही लगभग दो हज़ार (2,000) लोगों की जानें ले चुका है और अन्य साठ हजार (60,000) के क़रीब लोगों को संक्रमित कर चुका है।
आज इस वायरस की वजह से दुनिया भर में लोगों को अपनी ज़िन्दगी का डर तो है ही, साथ ही, उनको इस वायरस से इस बात का भी डर है कि कहीं यह वायरस दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था को ही ना बिगड़ दे! यानी चिंता अब होनी शुरू हो गयी है, जो पूरी तरह से जायज़ भी है!
लेक़िन जिस मंदी का भारत के लोगों को बताया जा रहा था केंद्र सरकार यानी नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से, वो भी पिछले दो - तीन वर्षों से, वह क्या एक काल्पनिक मंदी थी? क्या भारत के लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा था?
ख़ैर... वो समय निकल चुका है और लोकसभा चुनाव व दिल्ली चुनाव भी। लेक़िन अब क्या जवाब देंगे प्रधानमंत्री बिहार चुनाव के समय, जो इस वर्ष के आख़री महीनों में हैं? क्योंकि 'Coronavirus' से दुनिया भर में शुरू हो चुकी आर्थिक मंदी का बहुत बड़ा और बुरा असर भारत पर भी पड़ेगा! जिसे छुपा पाना किसी देश के बस में नहीं है।
तो क्या करेंगे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी? कैसे संतुलित कर पाएंगे, इस असंतुलित देश की व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को?
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